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Siddharthnagar News: संपूर्ण विश्व में मानव सेवा के लिए योग भारत की अनुपम देन

सिद्धार्थनगर। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जीवन में योग की महत्ता विषय पर आयोजित गोष्ठी में कुलपति प्रो. हरि बहादुर श्रीवास्तव ने कहा कि भारत ने दुनिया के लिए योग के माध्यम से उत्तम जीवन का मार्ग प्रशस्त किया। संपूर्ण विश्व में मानव सेवा के लिए योग भारत की अनुपम देन है।
उन्होंने कहा कि 21 जून को योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डॉ. अमरेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि हजारों वर्षों से भारत में योग की परंपरा है। इस परंपरा को हम भूल गए, इसलिए आज दिवस मनाने की आवश्यकता पड़ रही है। वर्तमान में योग भूलने की नहीं, याद करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि योग हमारी चित्तवृत्तियों की चंचलता को नियंत्रित करता है। आज की विडंबना हमारे जीवन का अनियंत्रित होना है। जीवन पर नियंत्रण किये बिना चित्त पर नियंत्रण करना कठिन है। अत: हमें अपने जीवन की, विचारों की, मन की शुद्धता पर काम करना होगा। कार्यक्रम के संयोजक विश्वविद्यालय के छात्र-कल्याण अधिष्ठाता प्रो. हरीशकुमार शर्मा रहे। इस दौरान प्रो. सौरभ श्रीवास्तव, डॉ. सच्चिदानंद चौबे, कुलसचिव डॉ. अमरेंद्र कुमार सिंह, अजय कुमार सोनकर, डॉ. रेनू त्रिपाठी, डॉ. रविकांत त्रिपाठी, डॉ. देवबख्श, अतुल रावत, सत्यम दीक्षित उपस्थित रहे।

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