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Siddharthnagar News: सरयू नहर सूखी, किसानों के माथे पर चिंता

सिद्धार्थनगर। मिठवल ब्लॉक क्षेत्र से होकर गुजरने वाली सरयू नहर जरूरत पर सूखी पड़ी है। खरीफ की बुआई, धान की नर्सरी के लिए पानी की सख्त जरूरत है, लेकिन किसान सूखी नहर देखकर जिम्मेदारों को कोस रहे हैं। किसानों का सवाल है कि इस नहर का क्या फायदा, यदि निजी साधनों से ही सिंचाई करनी पड़े।

जून माह में सरयू नहर में पानी न आने से जहां नहरें व माइनर आदि सूख चुके हैं। वहीं, तालाब भी सूख चुके हैं। पशु-पक्षी भी पानी के लिए परेशान होने लगे हैं। ग्रामीणों ने नहरों में पानी छोड़े जाने की मांग की है। पिछले वर्षों में नहरों में गर्मी में पानी आ जाता था, जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में गांव के लोगों को राहत मिल जाती थी। पर इस बार मई के बाद जून बीतने वाला है। पर अभी तक नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया है। एक ओर सूरज की तपन दिनों दिन बढ़ती जा रही है। वहीं, दूसरी ओर नदी, नाले, माइनर सूख ही चुके है। साथ ही तालाबों का पानी भी सूखने की कगार पर है। मनरेगा योजना के तहत खोदे गए तालाब भी सूखे पड़े हैं। यही हाल माइनरों का है, नहरों में पानी न आने की वजह से माइनरें सूखी पड़ी हैं। ऐसे में जानवरों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। अगर समय रहते नहरों में पानी न छोड़ा गया तो जीव जंतु के सामने जीवन का संकट आ जाएगा। क्षेत्र से निकलने वाली सरयू नहर से कोनकटी, पिपरा, रामलाल, खोरिया रघुवीर सिंह, सेहरी बुजुर्ग, पथरा बाजार, विशुनपुरवा, कम्हरिया बुजुर्ग, कम्हरिया खुर्द, सिसई, सिसवा पाला, बरगदी सहित आदि गांवों के ब्यासपत सुन्नर मिठाईलाल, रवीन्द्र सहानी,हीरालाल, रामहरख, टीहुल ओरीलाल सहित आदि लोगों ने सरयू नहर में पानी छोड़ने की मांग की है। ताकि गांवों में तालाबों को भरा जा सके और पशु पक्षियों के पीने के लिए पानी उपलब्ध हो सके। इस संबंध में जेई अजीत कुमार ने बताया कि अभी बड़ी नहर की शाखा में पानी ऊपर से नहीं छोड़ा गया है। जब बड़ी शाखा में पानी आएगा तभी, पानी छोड़ा जाएगा अभी कमसे कम पांच दिन लग जाएगा पानी आने में।

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