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Siddharthnagar News: पानी न वाई-फाई, तपती गर्मी में कर रहे पढ़ाई

सिद्धार्थनगर। जिला मुख्यालय स्थित राजकीय पुस्तकालय में सुविधाओं की कमी के चलते युवाओं को इसका पर्याप्त लाभ नहीं मिल पा रहा है। छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ते ही वाई-फाई काम करना बंद कर देता है। वहीं ठंडे पानी जैसी मूलभूत सुविधा भी लाइब्रेरी में नहीं है। एसी भी नहीं लग सके हैं। ऐसे में साहित्य प्रेमियों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

शुक्रवार को अमर उजाला की टीम ने जब शहर के राजकीय पुस्तकालय की पड़ताल की तो यहां अव्यवस्थाओं का बोलबाला दिखा। समुचित देखरेख के अभाव में पुस्तकालय की दशा बेहद खराब नजर आई और मौजूद पुस्तकें भी बेतरतीब ढंग से बिखरी नजर आईं। पुस्तकालय में पुस्तकों का भंडार कभी नहीं ऐसा हो पाया कि शहर के लोगों की जरूरत पूरी हो सके। मौजूद किताबों के सहारे की लाइब्रेरी का संचालन लंबे अरसे से होता आ रहा है। समय-समय पर जागरूक लोगों ने पुस्तकालय में पुस्तकों की संख्या बढ़ाने और उसके व्यवस्थित करने की मांग करते रहे हैं लेकिन कभी भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।

घर से लाते हैं पानी और हाथ का पंखा
मौजूदा समय में पुस्तकालय की आरओ मशीन खराब है, जिसके चलते यहां आने वाले लोगों को घर से पीने के लिए पानी लाना पड़ता है। पुस्तकालय के खुलने का समय सुबह साढ़े नौ बजे से शाम पांच बजे तक है। गर्मी के दिनों में दोपहर के समय यहां का तापमान इतना हो जाता है कि लोगों को बैठ कर पढ़ाई करने में मुश्किल होती है। कोने में बैठने पर पंखे की हवा तक नहीं लगती। ऐसे में कई लोग तो घरों से हाथ का पंखा भी ले आते हैं। यहां एसी की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है, लेकिन पत्राचार के अलावा इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हो पाई। इन असुविधाओं के चलते राजकीय पुस्तकालय के प्रति लोगों का रुझान कम होता जा रहा है। यहां तैनात एकमात्र कर्मचारी भारद्वाज शुक्ला ने बताया कि पुस्तकालय में प्रतिदिन औसतन 80 से 100 लोग आते हैं।

7500 किताबें ऑनलाइन, कम ही चलता है इंटरनेट
राजकीय पुस्तकालय में इस समय 1500 किताबें मौजूद हैं जिन्हें वहां बैठकर पढ़ा जा सकता है, जबकि लगभग 7500 किताबें ऑनलाइन हैं जिनको पढ़ने के लिए बेहतर इंटरनेट सेवा की बेहद जरूरी है। लाइब्रेरी में अधिकतर उपयोगी और प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी पुस्तकें ऑनलाइन ही उपलब्ध हैं। इन किताबों का ज्ञान जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए यहां वाई-फाई की सुविधा तो लगाई है कि लेकिन उसकी स्पीड बहुत कम है और अक्सर काम भी नहीं करता। नतीजतन ऑनलाइन किताबों को पढ़ना और उससे जानकारी जुटाने में लोगों को काफी परेशानी होती है।

खर्च हुए 49 लाख मगर नहीं लगा एसी
राजकीय पुस्तकालय का सीएसआर प्रोजेक्ट के अंतर्गत 49 लाख रुपये से रंग-रोगन कराया गया, लेकिन एसी लगाने का काम नहीं है। गर्मी में 42 डिग्री से अधिक तापमान में युवा गर्मी में तप रहे हैं। छात्र-छात्राओं का कहना है कि एकांत में पढ़ाई करने के लिए वे पुस्तकालय आते हैं, लेकिन गर्मी के कारण पसीना आ रहा है।

वाई-फाई काम नहीं करता जिससे ऑनलाइन किताबों की पढ़ाई करने में दिक्कत होती है। पीने का पानी भी स्वच्छ नहीं है। घर से पानी लाना पड़ता है।
– श्रद्धा पांडेय, छात्रा

नेटवर्क सही नहीं होने से ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो पाती है। गर्मी के मौसम यहां बैठने में काफी दिक्कत होती है, ऐसे में लोगों की सुविधा को देखते हुए यहां एसी लगवाने की जरूरत है।
– नेहा अग्रहरी, छात्रा

यूजीसी नेट से संबंधित किताबों के साथ अन्य तमाम महत्वपूर्ण विषयों की पुस्तकों की कमी पुस्तकालय में है। जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते युवाओं को काफी परेशानी होती है।
– राजेश कुमार, छात्र

अंग्रेजी माध्यम के पुस्तकों की कमी के चलते इस मीडियम में पढ़ाई करने वाले युवाओं को परेशानी होती हे। अंग्रेजी समाचार पत्र भी पुस्तकालय में नहीं मंगाया जाता है।
– विशाल सिंह

ऑनलाइन किताबों को पढ़ने के लिए बेहतर वाई-फाई की व्यवस्था बेहद जरूरी है। जब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया जाएगा तब तक युवाओं को पुस्तकालय का समुचित लाभ नहीं मिल पाएगा।
– प्रशांत मिश्रा

पुस्तकालय में स्टॉफ की कमी के चलते भी कई तरह की अव्यवस्था है। बेहतर संचालन के लिए सुविधाओं को दुरुस्त करने के साथ यहां और भी कर्मियों की तैनाती बेहद जरूरी है।
– सिद्धार्थ सोनकर

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