सिद्धार्थनगर। जलस्तर बढ़ने के साथ ही राप्ती नदी तेजी से कटान कर रही है। पेड़ारी गांव के पास शाहपुर-भोजपुर बंधे पर खतरा मंडराने लगा है। नदी की तेज धार से बोल्डर पैचिंग लगभग 20 मीटर कट जाने से बाढ़ की आशंका में सात से अधिक गांव के लोग सहमे हुए हैं। लगातार दो दिन की बारिश के बाद राप्ती के बढ़ते जलस्तर से नदी के किनारे कटान शुरू हो गई है।
बाढ़ की त्रासदी से बचने के लिए नवनिर्मित बंधे शाहपुर-भोजपुर परियोजना के शाहपुर गांव के सिवान से पेड़ारी गांव के सिवान में मौजूद बंधे के गैप को भर दिया गया है, जबकि बढ़ रही राप्ती नदी की जद में आने से बोल्डर पैचिंग कट गई है। इससे आसपास के सात से अधिक गांवों की 15 हजार की आबादी भयभीत है। ग्रामीणों ने मांग की बांध की गैपिंग, बोल्डर पैचिंग कार्य समेत अन्य कार्य की गति में तेजी लाएं। कार्यदाई संस्था और कटान स्थल पर जल्द बोल्डर पैचिंग निर्माण कार्य पूर्ण कराई जाए।
बोले क्षेत्र के लोग
जिन जगहों पर मिट्टी है वहां बांध की मजबूती है। जहां सिर्फ बालू से बांध निर्माण हुआ है, वहां बहुत कमजोर है। तीन दिन पूर्व बारिश हुई थी। कई जगह बांध में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए। लेकिन बोल्डर पैचिंग निर्माण में लगे ठेकेदार द्वारा बारिश बंद होने के बाद बारिश से बने गड्ढे को भर दिया गया है।
– विजय भान चौधरी, निवासी पेडारी
पिछले वर्ष आई बाढ़ में जिन जगहों पर कटान हुआ था। वहां आज भी नहीं भरा गया है। जबकि पिछले साल उन जगहों पर बांध बनवाने वाले अधिकारियों के काफी परिश्रम के बाद कटान रुका था। मानसून आने के साथ नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है। अब उस कटान स्थल को भरना आसान नहीं है।
विजय कुमार, निवासी रमवापुर उर्फ नेबुआ
हम सबको डर लग रहा है। कहीं पिछले साल की तरह इस साल भी बाढ़ ना आए। दो दिन के बारिश और बाढ़ का दबाव नहीं झेल पाई है। बांध पर कई जगह अभी बोल्डर पैचिंग कार्य अधूरा है। जिन जगहों पर बोल्डर पैचिंग कार्य हुआ था। वह भी बहने लगा है। आगे भगवान का ही भरोसा है।
जगतराम चौधरी, निवासी पेडारी
बीते वर्ष हुई नदी की कटान और बाढ़ में सब कुछ बर्बाद हो गया है। नदी के कटान में 40 बीघा खेत कट गया जो दो बीघा लगभग खेत बचा था बाढ़ में वह भी डूब कर बर्बाद हो गया था। सोचा बांध बन जाने से अब बाढ़ से मुक्ति मिलेगी, लेकिन अभी से ही कटान चालू हो गया है।
सूर्य नारायण, निवासी
बोले अधिकारी
इस मामले में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता से बात करूंगा। इसमें किसकी लापरवाही है? इसकी जांच की जाएगी।
प्रवेंद्र कुमार, एसडीएम डुमरियागंज