शोहरतगढ़। शोहरतगढ़-चेतिया मार्ग का चौड़ीकरण हुए दो वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन बाणगंगा मुख्य नहर पर खरगवारे के पास बना पुल क्षतिग्रस्त व सकरा होने के कारण न केवल वाहनों की रफ्तार थम जाती है। बड़े वाहन का वहां से निकलना भी मुश्किल हो जाता है। दुर्घटना को आमंत्रण देता दिखाई दे रहा है। फिर भी विभाग आंख बंद किए हुए है।
2020 में कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड द्वारा 24.99 करोड़ की लागत से शोहरतगढ़-चेतिया मार्ग का 12 किलोमीटर तक उच्चीकरण व चौड़ीकरण का कार्य कराया गया था। सड़क के चौड़ीकरण के बाद भी 60 के दशक में बनी बाणगंगा मुख्य नहर के पुल को चौड़ा नहीं किया गया। जिससे आवागमन में काफी कठिनाई होती है। बड़े वाहनों को इस पुल को पार करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र के शैलेश कुमारी, पंकज पांडेय, ओम प्रकाश उपाध्याय, अमित उपाध्याय, महेंद्र, अर्जुन चौहान आदि ने बताया कि शोहरतगढ़ को चेतिया, बांसी व इटवा को जोड़ने के लिए सड़क को चौड़ा तो कर दिया गया।
लेकिन नहर के पुल को चौड़ा करने में लोकनिर्माण विभाग कोई रुचि नहीं ले रहा है और न ही ड्रेनेज खंड 70 वर्ष पुराने पुल को बनाने के लिए कोई कदम उठा रहा है। शादी विवाह में बड़े बस पुल को पार नहीं कर पाते हैं। जिससे बस को खरगवार गांव के पास ही खड़ा करना पड़ता है। बड़े ट्रक भी पुल नहीं पार कर पाते हैं, जिससे काफी असुविधा हो रही है। पुल की रेलिंग भी टूट चुकी है, पुल के पिलर भी जर्जर हो चुके हैं। अगर जल्द विभाग इसकी मरम्मत नहीं करता है तो किसी दिन बड़ी दुर्घटना घट सकती है।
सड़क यदि लोक निर्माण विभाग ने बनाई है तो नहर पर पुल बनाने की जिम्मेदारी भी उनकी ही है।
– आरके नेहरा, अधिशासी अभियंता ड्रेनेज खंड
पुल का अवलोकन कराया जाएगा। यदि पुल संकरा व क्षतिग्रस्त है तो चौड़े पुल की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव शासन स्तर पर भेजा जाएगा।
– आशीष भरद्वाज, प्रभारी अधिशासी अभियंता, लोकनिर्माण प्रांतीय खंड