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सिद्धार्थनगर : परिचालकों ने किया किनारा, तीन दिन में 13 बसों का पहिए थमे

सिद्धार्थनगर। अभी तक बैंक और अन्य साइट को हैक होने की घटना से आप वाकिफ होंगे। कभी रोडवेज के बस के टिकट एटीएम के हैक होने की खबर नहीं सुनी होगी। तो जान लीजिए यह शत-प्रतिशत सही है। तीन से पहले टिकट ईटीएम (इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन) पर साइबर अटैक हुआ, जिससे टिकटिंग की व्यवस्था पटरी से उतर गई है।

मैनुअल टिकट से रोडवेज सेवा का संचालित करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन सिद्धार्थनगर डिपो पर पिछले दिन तीन दिनों में 13 बसों के पहिए थम गए। कारण मैनुअल टिकट काटने से परिचालक कतरा रहे हैं। कोई बीमारी का हवाला देकर काम पर नहीं आ रहा है तो अन्य समस्या बताकर। इसलिए बस 30 मिनट से आधे घंटे लेट से चल रही हैं। जिससे यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है। शुक्रवार को रोडवेज डिपो की पड़ताल में यह समस्या सामने आई। जिससे यात्री के साथ ही व्यवस्था को चलाने वाले भी परेशान हैं।

रोडवेज की बसों में पहले मैनुअल टिकट कटता था। इसमें परिचालक एक रूट पर जितने स्थान पड़ते थे, वहां का टिकट लेकर चलते थे। बस शुरू होने से पहले वह हाथ से टिकट काटना शुरू कर देते थे। इसमें उन्हें यात्रा स्थल और किराया लिखना पड़ता था। लेकिन पिछले कुछ साल से व्यवस्था हाईटेक हुई तो ईटीएम टिकट की व्यवस्था शुरू कर दी गई। इसमें चिप और साफ्टवेयर होता है, जो नेट के जरिए चलता था है। नाम टाइप करते ही ऑटोमेटिक टिकट निकल जाता है। इसे टिकट ईटीएम (इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन) का नाम दिया गया है। ऐसा परिचालकों का कहना है। तीन दिन पहले इसके सॉफ्टवेयर पर साइबर हमला हुआ, जिससे पूरे प्रदेश की टिकट मशीन काम करना बंद कर दी। इससे बसों के पहिउ थमें न और यात्रियों को परेशानी न हो। इसके लिए आनन-फानन में पुरानी व्यवस्था को शुरू करते हुए मैनुअल टिकट की व्यवस्था शुरू कर दी गई। इस टिकट को निकलने बनाने में परिचालकों को परेशानी हो रही है। कारण इसमें समय लग रहा है। बृहस्पतिवार को रोडवेज की पड़ताल की गई तो व्यवस्था बदहाल नजर आई। यहां गोरखपुर जाने वाले बस एक घंटे लेट होकर चली, कारण परिचालक को टिकट देने में परेशानी हो रही थी। इसी प्रकार बस्ती और गोंडा की बस में देखने को मिला जो समय से 30 मिनट लेट थी। बस के देरी होने से यात्रियों को परेशानी हो रही थी। लेकिन इस रोडवेज प्रशासन असहाय नजर आया।
काउंटर पर एक ही कर्मचारी
रोडवेज डिपो पर परिचालकों को टिकट देने के लिए कम से कम दो कर्मचारी तैनात होना चाहिए। लेकिन यहां पर एक कर्मचारी तैनात है, जो बारी-बारी से हर रूट के परिचालक को टिकट की गिनती करके वितरण कर रहा है। ऐसे में टिकट देरी से मिलने के कारण बस देर से छूट रही है। अगर व्यवस्था जल्द सुधरी नहीं तो यात्री रोडवेज से यात्रा करने से परहेज करने लगेंगे।
किसी को दवा तो किसी का मांगलिक कार्यक्रम में होना था शामिल
गोरखपुर के लिए सुबह नौ बजे निकलने वाली बस से अकसर इलाज के लिए लोग जाते हैं। क्योंकि यह समय से पहुंचा देती है, जिससे लोग आसानी से शाम का लौट आते हैं। लेकिन शुक्रवार सुबह यह बस 9.30 बजे खुली। कारण परिचालक टिकट ही नहीं पाया तो बस चले गए। इससे यात्रियों में आक्रोश दिखा। कारण लेट होने से उनकी समस्याएं बढ़ गईं।
रोडवेज से चलती हैं इतनी बसें
सिद्धार्थनगर डिपो से दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणासी, गोंडा, बहराईच, गोरखपुर, देवरिया सहित अन्य रूट के लिए मौजूदा समय में 49 बसें चल रही हैं। इसमें दो जनरथ सेवा हैं। टिकट एटीएम के हैक होने से बसों के संचालन पर प्रभाव पड़ रहा है।
तीन दिन 13 बसों का पहिया थमा
एटीएम टिकट के बंद होने से परिचालक मैनुअल टिकट नहीं काटना चाह रहे हैं। दो दिन चार-चार और एक दिन पांच परिचालक नहीं आए। इसलिए 13 बसों को निरस्त कर देना पड़ा। कारण जानने की कोशिश की गई तो 10 ने एक ही कारण बताया कि उनकी तबीयत खराब है, जबकि तीन अन्य ने न आने की अन्य वजह रोडवेज प्रशासन को दी है।
सिद्धार्थनगर डिपो एआरएम जगदीश ने कहा कि टिकट ईटीएम साइबर अटैक होने टिकट कटने में परेशानी हो रही है। मैनुअल टिकट से व्यवस्था चलाई जा रही है। कुछ परिचालक मैनुअल टिकट काटने से परहेज कर रहे हैं। उन्हें बुलाया जा रहा है, अगर लगातार अनुपस्थित हुए तो कार्रवाई की जाएगी।