सिद्धार्थनगर। ट्रेन की लंबाई से छोटे सिद्धार्थनगर रेलवे स्टेशन के दोनों प्लेटफार्म को विस्तार दिया जाएगा। साथ ही यहां के प्लेटफार्म पर कोच इंडिकेटर लगाए जाएंगे। इससे यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। प्लेटफार्म की लंबाई बढ़ने से जहां उन्हें पीछे के डिब्बों में चढ़ने-उतरने में होने वाली परेशानी से राहत मिलेगी। वहीं कोच इंडिकेटर से वे अपने रिजर्वेशन वाले कोच के सामने ही खड़े होकर ट्रेन का इंतजार कर सकेंगे। इससे ट्रेन आने पर उन्हें अपनी सीट पर पहुंचने के लिए दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
रेलवे स्टेशन सिद्धार्थनगर के प्लेटफार्म संख्या एक की लंबाई सात सौ मीटर है, जबकि कुछ एक्सप्रेस ट्रेनों की लंबाई सात सौ मीटर से अधिक होने के कारण उसके दो से तीन डिब्बे प्लेटफार्म के बाहर खड़े होते हैं। वहीं यहां के प्लेटफार्म संख्या दो की लंबाई 650 मीटर से भी कम है, जिससे लंबे ट्रेनों के कई कोच प्लेटफार्म से बाहर खड़े होते है। इससे यहां पर यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने और उतरने में सांसत झेलनी पड़ती है। रेल मंत्रालय ने स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना के नाम से एक नई नीति तैयार की है।
प्लेटफार्म पर लगेंगे कोच इंडिकेटर
जिला मुख्यालय स्थित रेलवे स्टेशन सिद्धार्थनगर पर ट्रेन पकड़ने आने वाले यात्रियों को आरक्षित सीट तलाशने में बहुत सांसत होती है। स्टेशन पर ट्रेन खड़ी होते ही लोग निर्धारित कोच में आरक्षित सीट पाने के लिए इधर से उधर दौड़ लगाते देखे जाते है। कोच इंडिकेटर लगाए जाने के बाद यात्रियों को प्लेटफार्म पर पहले से ही संबंधित कोच के सामने खड़े होने पर सीट मिलने में दिक्कत नहीं होगी।
पार्किंग स्थल का होगा विस्तार
रेलवे स्टेशन सिद्धार्थनगर परिसर में पीछे स्थित पार्किंग स्थल का विस्तार होगा। वर्तमान में ट्रेन आने के दौरान यहां खड़े हो रहे वाहनों की भीड़ के चलते यात्रियों को आवागमन में दिक्कत होती है। परिसर के विस्तारीकरण के तहत बाउंड्रीवाल हटाकर पूरब एवं पश्चिम की तरफ खाली पड़ी भूमि को समतल किया जाएगा। इससे सिद्धार्थनगर रेलवे स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार के सरकुलेटिंग एरिया के विकास तथा स्थानीय कला एवं संस्कृति को शामिल करते हुए स्टेशन का सौंदर्यीकरण, प्लेटफार्म सरफेस का अपग्रेडेशन किया जाएगा।
यात्री सुविधाओं का होगा आधुनिकीकरण
सिद्धार्थनगर रेलवे स्टेशन परिसर में उन्नत लाईिटंग, ट्रेन डिस्पले बोर्ड, डिजिटल घड़ियॉ, यात्री उद्घोषणा प्रणाली, सोलर प्लांट, वाटर कूलर, एयर कंडीशनर तथा विभिन्न यात्री सुविधाओं से संबंधित ग्लोसाइन बोर्ड, एलईडी स्टेशन नाम पट्टिकाओं लगेंगे। साथ स्टेशन पर स्थित यात्री प्रतीक्षालय व शौचालयों का आधुनिकीकरण होगा। पार्किंग स्थल के बगल में ही सुलभ शौचालय का निर्माण होगा, जहां यात्री निर्धारित शुल्क देकर इसका उपयोग कर सकेंगे।
प्रतिदिन 3700 यात्रियों का होता है आवागमन
सिद्धार्थनगर रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन लगभग 3700 यात्रियों का आवागमन होता है। इस रेलवे स्टेशन से यात्रियों के आवागमन के लिए आठ जोड़ी मेल व एक्सप्रेस ट्रेन तथा चार जोड़ी सवारी गाड़ियों की सुविधा प्राप्त है। यह स्टेशन यात्री सुविधा ग्रेड एनएसजी-5, ब्राॅड गेज लाइन का स्टेशन है। इसके बावजूद यहां सुविधाओं का अभाव रहा, अब स्टेशन पर आधुनिक सुविधाओं का विकास होने से यात्रियों को सहूलियत मिलेगी।
गुड्स शेड से आवागमन में सहूलियत
रेलवे स्टेशन सिद्धार्थनगर के सामने दक्षिणी हिस्से में खाली पड़ी रेलवे भूमि पर गुड्स शेड के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके तहत भूमि समतल कर मिट्टी पटाई कार्य किया गया है। रेलवे ने व्यापारियों को पत्र भेजकर यहां गुड्स शेड होने की जानकारी देते हुए इस सुविधा का उपयोग करने को कहा है। व्यापारियों का कहना है कि जब तक गुड्स शेड का पक्का निर्माण नहीं होता, तब तक रेलवे से यहां तक माल ढुलाई के लिए बुकिंग कराना उचित नहीं होगा।
गोंडा-गोरखपुर लूप प्रखंड पर स्थित सिद्धार्थनगर को अमृत भारत योजना के तहत साढ़े नौ करोड़ रुपये की लागत से नई सुविधाएं विकसित करने के साथ ही पुरानी सुविधाओं को भी अपग्रेड किया जायेगा। इसके लिए निविदा प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है, जल्द ही कार्य शुरू होगा।
– महेश गुप्ता, जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल