Last updated on October 29, 2022
सिद्धार्थनगर। जिले में उतरती बाढ़ भी तबाही मचा रही है, अब तक बाढ़ के पानी में 18 लोग डूब चुके हैं, जिनमें 16 की मौत हो चुकी है। इनमें बृहस्पतिवार को ही चार लोगों की पानी में डूबने से मौत हो गई। ऐसे में लोगों को वर्ष 1998 के 24 वर्ष बाद एक बार फिर से बड़ी जनहानि झेलनी पड़ रही है। लगातार डूबने से हो रही मौतों को देखते हुए डीएम संजीव रंजन ने लोगों को सावधान रहने की अपील की है।
जिले में आई भयावह बाढ़ में जनहानि की शुरुआत 11 अक्तूबर को ढेबरूआ-डुमरियागंज मार्ग पर बिगौवा नाले के पास रिक्शा चालक समेत चार परिजनों के बाढ़ के पानी में बहने से हुई। इसके बाद तो जैसे जिले में बाढ़ में डूबने से मौतों का सिलसिला ही शुरू हो गया। इसके बाद 15 अक्तूबर को महिला व किशोर के डूबने समेत विभिन्न क्षेत्रों में 17 लोग बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं। इनमें 15 लोगों के शव मिल चुके हैं, जिसमें बाढ़ के पानी में डूबे रिक्शा चालक की पत्नी समेत दो अभी भी लापता हैं। प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार बुधवार तक 12 लोगों में नौगढ़ तहसील में दो, बांसी में तीन, डुमरियागंज में पांच और इटवा तहसील में दो लोगों की डूबने से मौत हो चुकी है। वर्तमान में जिले में नदियों का जलस्तर कम हो रहा है फिर भी डूबकर मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। बृहस्पतिवार को ही उसका थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत रीवा नानकार के टोला लक्षनपुर धुसवां में बाढ़ के पानी में डूबने से दो बहनों की मौत हो गई। इसी दिन गोल्हौरा थाना क्षेत्र के जीवपुर में भी डूबने से एक युवक की मौत हो गई। बुजुर्ग बुझारत कहते हैं कि इससे पहले सिर्फ 1998 की बाढ़ में 53 लोगों की मौत हुई थी, इसके बाद आए बाढ़ में जनहानि नहीं होती थी। इस वर्ष बड़ी जनहानि हुई।
डीएम ने सतर्क रहने की अपील की
डीएम संजीव रंजन ने बृहस्पतिवार को जनपदवासियों को सतर्क रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जनपद बाढ़ की विभीषिका को झेल रहा है, अभी नदियों, नालों एवं नीचे स्थानों पर बहुत पानी भरा हुआ है। जनपद में पहले ही कई लोगों की बाढ़ विभीषिका से जान जा चुकी है। पानी को किसी भी दृष्टि से कम न समझें और पानी से दूर रहे तथा पानी में प्रवेश न करें। पशुपालन विभाग से जानवरों को आवश्यक टीके लगवाए जा रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग से संक्रामक रोगों तथा मलेरिया, डेंगू डायरिया, टायफाइड की रोकथाम के लिए आवश्यक स्थानों पर दवा का छिड़काव व दवा का वितरण कराया जा रहा है।
तीन दिन बाद खुला नौगढ़-बांसी मार्ग
जोगिया। क्षेत्र के कई गांवों के साथ ही चौराहे पर थाने पर भरा बाढ़ का पानी कम होने के साथ ही नौगढ़-बांसी मार्ग पर आवागमन शुरू हो गया है। तीन दिन से जोगिया चौराहे पर सड़क पर पानी चढ़ने के कारण आवागमन बंद कर दिया गया था। जिसके संचालन से राहगीरों को राहत मिली है। प्रशासन ने अभी इस मार्ग पर दो पहिया व चार पहिया वाहनों के आवागमन की अनुमति दी है, जबकि सुरक्षा कारणों से भारी और लोडेड वाहनों के संचालन पर रोक लगाया गया है। जोगिया कोतवाली के पास सड़क पर अभी भी दो फीट पानी बह रहा है। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी आवागमन के सुचारु संचालन में जुटे रहे।
डूबने से मजदूर की मौत
सिद्धार्थनगर। उसका थाना क्षेत्र के ग्राम धोबहा निवासी चैतू (48) सोहागे की बृहस्पतिवार को बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गई। परिजनों के अनुसार वह किसी कार्य से गांव से बाहर गया था, इसी बीच गहरे पानी में जाने से वह डूब गया। जब तक लोग उसे बचाते, उसकी मौत हो चुकी थी। ग्रामीणों के अनुसार चारों तरफ से बाढ़ से घिरा होने के कारण उन लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दया। मौके पर पहुंचे एसडीएम प्रदीप यादव, सीओ अखिलेश वर्मा, तहसीलदार राम ऋषि रमन, एसओ राजेश तिवारी, लेखपाल रामकरन गुप्ता ने परिजनों को आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया।