सिद्धार्थनगर (डुमरियागंज)। जिले के बाढ़ प्रभावित किसानों को सरसों और मसूर के बीज आर्थिक मजबूती प्रदान करेंगे। सरकार के निर्देश पर कृषि विभाग इनके निश्शुल्क बीजों के वितरण की व्यवस्था तहसीलवार बना रहा है, जिसमें जनप्रतिनिधि के हाथों बीज के पैकेट कृषकों को मिलेंगे। इनकी अगेती बोआई कर किसान पछेती गेहूं की फसल भी उसी खेत में उगा सकेंगे। 80 किलो राई सरसों तथा 80 किलो मसूर के बीज जिले को पहली खेप में प्राप्त हो चुके हैं।
कृषि बाहुल्य क्षेत्र में आता है सिद्धार्थनगर
जिला कृषि बाहुल्य क्षेत्र में अपनी पहचान रखता है। यहां का कालानमक चावल भगवान बुद्ध के प्रसाद के रूप में विश्व स्तर पर तो सांभा, कनकजीर, बासमती और बासमती जैसी प्रजातियां स्थानीय मंडी में खासी मांग रखती हैं। इस बार कटाई के समय आई बाढ़ ने सबकुछ तबाह कर दिया। इसमें डुमरियागंज तहसील क्षेत्र में सर्वाधिक तबाही हुई। एक लाख 15 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हुई। इसमें लगभग 30 हजार से अधिक पंजीकृत किसान भी हैं। उनके दर्द पर मरहम लगाते हुए मुख्यमंत्री ने निश्शुल्क बीज देने का आश्वासन दिया था, जिसकी व्यवस्था जिले में हो चुकी है। प्रभावित किसानों को एक एकड़ के हिसाब से दो किलो सरसो व छह किलो मसूर के बीज दिए जाएंगे। इन दोनों के लिए हल्की नमी वाली मिट्टी उपयोगी होगी और अगेती की श्रेणी में यह बेहतर पैदाववार देकर किसानों को संबल देंगी।
शिविर लगाकर बांटा जाएगा बीज
जिला कृषि अधिकारी सीपी सिंह ने बताया कि सरसो व मसूर बीज के प्रमाणित बीज विभाग को प्राप्त हुए हैं। इनके वितरण के लिए एक बैठक शनिवार को एडीओ कृषि व बीज गोदाम प्रभारियों के साथ की जाएगी। प्रशासनिक सूची के अनुसार प्रभावित किसानो में इसका वितरण शिविर लगाकर अगले सप्ताह से प्रारंभ कर दिया जाएगा। शिफ्टवार बीज मिलते रहेंगे और वितरण जारी रहेगा।