सिद्धार्थनगर। जिले में सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद का बुरा हाल है। केंद्रों पर सन्नाटा छाया हुआ है। एक-एक बोरी गेहूं के लिए केंद्र प्रभारी किसानों से अपील कर रहे हैं। जबकि भारत में पैदा होने वाला गेहूं गैर कानूनी तरीके से नेपाल में पहुंच रहा है।
नेपाल में गेहूं का भाव बढ़ा तो तस्करों ने गेहूं बार्डर पार पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया है। सीमा पर कई बार गेहूं की खेप पकड़ी जा चुकी है। यह पुलिस की कार्रवाई में सामने आ चुका है। तस्करी के पीछे का कारण, भारतीय और नेपाल के बाजार भाव में 400 से 600 रुपये प्रति क्विंटल का अंतर है। इसलिए तस्करों को अनाज की तस्करी भा रही है। भारतीय बाजार में 2100 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं बिक रहा है, जबकि बार्डर पार पहुंचते ही यह कीमत 2500 से 2700 रुपये हो जाती है।
नेपाल सीमा से लगने वाली जिले की 68 किलोमीटर सीमा पूरी तरह से खुली हुई है। यहां बिना रोक-टोक के दोनों देश के लोग आते-जाते हैं। लेकिन देशविरोधी तत्व दोनों देशों में बिकने वाली वस्तु की जब भी मांग बढ़ती है तो उसकी तस्करी शुरू कर देते हैं। चाहे वह सोना-चांदी और अन्य सामान हो या फिर अनाज। जिसमें मुनाफा औैर मांग बढ़ी, उसे इस पार से उस पार ले जाने का काम शुरू हो जाता है। सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों के अलावा सीमावर्ती थानों की पुलिस तैनात रही है। लेकिन, सीमा खुली होने के कारण तस्कर पगडंडियों का भी सहारा लेते हैं। पिछले एक माह से तस्करों ने अनाज तस्करी शुरू कर दी है। नेपाल में गेहूं का भाव बढ़ा तो भारतीय बाजार की फसल नेपाल में पहुंचाने लगे। अबतक कई बार सीमावर्ती क्षेत्र में बार्डर पार करने की कोशिश करते हुए एसएसबी और पुलिस की ओर गेहूं की खेप पकड़ी जा चुकी है। लेकिन यह थमने का नाम नहीं ले रही है।अगर जल्द तस्करी नहीं रुकी तो इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि जनपद में भी खाने के लिए गेहूं की किल्लत हो जाएगी।
बीते दिनों सीमा पर पकड़ी गई गेहूं की खेप
– 15 दिन पहले एसएसबी और पुलिस ने खुनुवां बार्डर के करहिया के टोला फकीर डीह से ट्रैक्टर-ट्रॉली में लदा 100 बोरी गेहूं पकड़ा था। जो नेपाल जा रहा था। इसमें तीन लोग पकड़े गए थे।
– 27 अप्रैल को मोहाना पुलिस ने सीमा पार करने की कोशिश करते हुए एक पिकअप पकड़ा था। उसमें 50 बोरी गेहूं बरामद हुआ था। जिसे कस्टम को सुपुर्द कर दिया था।
– मोहाना क्षेत्र में ही ककरहवा बार्डर क्षेत्र से तीन बार बाइक और साइकिल से गेहूं ले जाते कई लोगों को पुलिस पकड़कर कार्रवाई कर चुकी है।
बड़ी खेप पकड़ी गई तो बदल दिया तस्करी का तरीका
जब गेहूं की बड़ा खेप पकड़ी जाने लगी तो तस्करों ने पैंतरा बदल दिया। अब तस्कर कैरियर का सहारा लेने लगे हैं। बेरोजगारों को पकड़कर 50 रुपये बोरी दे रहे हैं। बस उन्हें साइकिल से गेहूं इस पार से उस पार करना होता है। जितना चक्कर उतना रुपया मिल जाता है। यह इसलिए कि सुरक्षा एजेंसियां भी किसान बताने पर छोड़ देती हैं।
एक स्थान पर होता है स्टोर, फिर नेपाल की मंडी में पहुंचता है गेहूं
तस्कर की ओर से तैयार किए गए कैरियर को यह बताया जाता है कि यहां से लेकर फलां स्थान पर गेहूं ले जाकर रखना है। निर्धारित स्थान पर जब कई बोरियां पहुंच जाती हैं तो इसके बाद खेप को एक गाड़ी में लादकर नेपाल की मंडी में पहुंचाया जाता है। जहां पर उसका भाव लगता है।
भाव के हिसाब से लगता है टैक्स
नगर निवासी गल्ला कारोबारी रमेश कुमार ने कहा कि एक बोरी पर डेढ़ प्रतिशत सरकारी टैक्स लगता है। जो मौजूदा भाव के हिसाब से प्रति क्विंटल 30-35 रुपये पड़ रहा है। जब बाजार में रेट बढ़ेगा तो उसी हिसाब से टैक्स भी बढ़ जाता है। नेपाल जाने पर जहां भाव अधिक मिल जाता है, वहीं एक हजार बोरी पर बिना कुछ किए ही 30 हजार रुपये बच जाएगा।
प्रतिदिन लाखों के राजस्व नुकसान
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक बड़े गल्ला कारोबारी ने बताया कि ककरहवा, हरिवंशपुर, खुनुवां, बजहा और आगे तक तस्करों का जाल फैला हुआ है। जो बड़ी मात्रा में गेहूं बार्डर पर करने का कार्य कर रहे हैं। प्रतिदिन 20 लाख रुपये से अधिक राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं, जिले में गल्ला का कारोबार करने वाले व्यापारी गेहूं पा ही नहीं रहे हैं। क्योंकि तस्कर यह रेट चढ़ाकर खरीद ले रहे हैं। उस रेट पर खरीद करने पर यहां लाभ होगा ही नहीं। इस पर रोक लगाने की जरूरत है।
सरकारी क्रय केंद्र पर अब तक इतनी हुई खरीद
जिले में 90 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित हुआ है। खरीद शुरू हुए 40 दिन बीत चुके हैं। लेकिन अभी तक 469 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है। खरीद को 50 दिन शेष हैं। लक्ष्य पूरा करने के लिए क्रय केंद्र प्रभारी किसानों के बीच जा रहे हैं। इसके बाद भी वह केंद्रों पर पहुंच रहे हैं।
घर पर ही खरीद ले रहे गेहूं
सरकार की ओर से इस वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित हुआ है। सरकारी क्रय केंद्र पर बेचने के लिए किसानों को भाड़ा देकर ले जाना पड़ेगा। तौल का भी खर्च लगेगा। जबकि आढ़त वाले घर से ही 2150-2200 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं खरीद ले रहे हैं। तौल का भी खर्च नहीं ले रहे हैं। ऐसे में किसान घर पर ही गेहूं बेच दे रहा है।
400-600 रुपये प्रति क्विंटल मुनाफा
नेपाल के गल्ला बाजार के मुताबिक वहां पर मौजूदा समय में भारतीय मुद्रा के हिसाब से 2500-2700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं बिक रहा है। किसी किसी दिन रेट कम हो जाता है तो किसी से 50-100 रुपये प्रति क्विंटल का अंतर आ जाता है। वहीं जब आटा पिसकर तैयार हो रहा है तो 3400-3600 रुपये क्विंटल में बिकता है।
इसलिए नहीं रुक रही तस्करी
सीमा पर पकड़ी जाने वाली हर वस्तु को कस्टम को सुपुर्द कर दिया जाता है। कस्टम के लिए जो कानून बना है वह बहुत ही कमजोर है। इसलिए बहुत कम जुर्माना पर पकड़ा गया सामान छोड़ दिया जाता है। अगर पकड़े गए सामान के हिसाब से उसकी कीमत लगाते हुए जुर्माना लगाया जाए तो तस्करी में अपने आप कमी आ जाएगी। लेकिन ऐसा किया नहीं जा रहा है, जिसकी तस्करी रुक नहीं रही है। इस पर कठोर कानून बनाने की जरूरत है।
– संजय कुमार श्रीवास्तव, अधिवक्ता, जनपद न्यायालय
बोले अधिकारी
नेपाल सीमा पर सुरक्षा एजेंसियां के साथ सीमावर्ती थानों की पुलिस अलर्ट है। हर संदिग्धों से पूछताछ की जाती है। अवैध रूप से बार्डर पार सामान ले जाने की कोशिश करने वालों को पकड़कर कार्रवाई की जा रही है।
– अमित कुमार आनंद, एसपी सिद्धार्थनगर
गेहूं खरीद के लिए किसानों को किया जा रहा है जागरूक
जिले में गेहूं खरीद के लिए क्रय केंद्र सक्रिय हैं। अधिक से अधिक किसान सरकारी क्रय केंद्रों पर ही अपनी उपज को बेचें, इसके लिए उन्हें प्रेरित किया जा रहा है।
– गोरखनाथ, जिला विपणन अधिकारी सिद्धार्थनगर