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Siddharthnagar News: ट्रेनें निरस्त, बसों में जगह नहीं, मारे-मारे फिर रहे यात्री

जिले के आठ रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन लगभग 1,200 लोग करते हैं यात्रा

रेल लाइन दोहरीकरण कार्य से 14 ट्रेनें निरस्त
संवाद न्यूज एजेंसी
सिद्धार्थनगर। लखनऊ तक प्रतिदिन चलने वाली दो जोड़ी एक्सप्रेस सहित 14 ट्रेनों के निरस्त होने से यात्रियों की सांसत हो गई है। बसों में जगह नहीं होने से यात्री मारे-मारे फिर रहे हैं। चार गुना अधिक किराया देने के बावजूद भी यात्रा कठिन हो गई है।
जिले के जिन लोगों ने घर होली मनाने के लिए टिकट बुक कराया था, उनकी यात्रा में मुश्किलें आ गई हैं। ट्रेनें नहीं चलने से मंगलवार को घर से निकले लोगों को बसों व अन्य साधनों से यात्रा करने में दुश्वारियों का सामना करना पड़ा।

जिले के आठ स्टेशनों से प्रतिदिन लखनऊ और गोरखपुर के बीच इन ट्रेनों से सफर करने वाले 12 सौ से अधिक यात्री रोडवेज बस और निजी वाहन से यात्रा करने को मजबूर हैं। मंगलवार को ट्रेन पकड़ने पहुंचे लोग स्टेशन और रोडवेज के बीच भटकते नजर आएं, वह निजी वाहन से अधिक किराया देकर लखनऊ व गोरखपुर तक यात्रा करने को मजबूर दिखे।
रेल लाइन दोहरीकरण कार्य चलने से ऐशबाग से गोरखपुर व गोरखपुर से ऐशबाग तक चलने वाली और गोरखपुर से मैलानी और मैलानी से गोरखपुर तक चलने वाली दैनिक एक्सप्रेस ट्रेनें तीन मार्च तक निरस्त हो गई हैं। इन ट्रेनों से जिले के सिद्धार्थनगर, बढ़नी, शोहरतगढ़ समेत आठ रेलवे स्टेशनों से प्रतिदिन 12 सौ से अधिक लोग लखनऊ एवं गोरखपुर तक यात्रा करते हैं।
मंगलवार को लखनऊ जाने के लिए रेलवे स्टेशन सिद्धार्थनगर पहुंचे राकेश टिकट खिड़की के पास ट्रेन निरस्त होने का नोटिस देख निराश हो गए। वह रोडवेज पहुंचे जहां लखनऊ जाने के लिए कोई बस नहीं मिली तो वह निराश होकर निजी वाहन की तलाश में जुट गए।
ऐसे ही लखनऊ और गोरखपुर तक जाने को जिले के अन्य स्टेशनों पर पहुंचे लोग ट्रेन निरस्त होने की सूचना मायूस होकर निजी वाहन की तलाश करते दिखे। सिद्धार्थनगर डिपो के एआरएम जगदीश प्रसाद ने बताया कि लखनऊ रूट पर दस बसें चलाई जा रही है, आवश्यकता पड़ी तो बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

दिल्ली से चले, घर पहुंचने की जगह लखनऊ में रहे भटक
शोहरतगढ़। क्षेत्र के ग्राम खेतवल मिश्र निवासी रूपचंद ने बताया कि उनका भाई कमलकिशोर दिल्ली से घर आने के लिए निकला और लखनऊ पहुंच गया। शोहरतगढ़ आने के लिए वह लखनऊ के बादशाहनगर स्टेशन पर शाम चार बजे इंटरसिटी ट्रेन पकड़ने के लिए पहुंचा तो पता चला कि ट्रेन निरस्त है। लखनऊ में स्टेशन व बस स्टेशन चक्कर लगा कर परेशान हो गया। समय से बस व ट्रेन न मिलने से उसे गाड़ी बुक कर घर आना पड़ रहा है। उसने बताया कि लखनऊ से घर आने के लिए और भी कई लोग ट्रेन और बस नहीं मिलने से परेशान हैं।

होली त्योहार में घर आने को भटक रहे
ग्राम चंपापुर निवासी दुर्गा प्रसाद ने कहा कि उनका भाई संदीप यादव लखनऊ में बी फार्मा की पढ़ाई कर रहा है। वह होली में घर आने की तैयारी में था। ट्रेन कैंसिल होने से वह अपना टिकट कैंसिल कर दिया।
खुरहरिया निवासी घुरन शर्मा ने कहा कि वह पुत्र के इलाज के लिए इंटरसिटी ट्रेन से हप्ते में तीन दिन लखनऊ सहारा हॉस्पिटल जाते हैं। ट्रेन से 100 रुपये के टिकट पर लखनऊ चले जाते हैं, जबकि बस में 490 रुपये का टिकट बनवाना पड़ रहा है।

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