सिद्धार्थनगर। अब घायल और बीमार पशुओं का मौके पर इलाज हो सकेगा। इसके लिए सरकार ने 108 और 102 नंबर एंबुलेंस सेवा की तरह से संचालित होगा। अंतर इतना है कि उन दो सेवाओं में मरीजों को अस्पताल पर ले जाने की सुविधा थी। लेकिन पशुओं के लिए शुरू हो रही 1962 नंबर सेवा में पशु चिकित्सक की टीम मौके पर पहुंचकर इलाज करेगी। इसके साथ ही अगर स्थिति गंभीर होगी तो वह नजदीक के पशु चिकित्सालय के डॉक्टरों को जानकारी देगी। फिलहाल यह सेवा रविवार से जनपद में शुरू हो जाएगी। पहले यह मुख्यालय पर शुरू हो रही है।
छुट्टा पशुओं की संख्या में इजाफा होने और सड़क हादसों में उनके घायल होने के मामले में लगातार बढ़ रहे हैं। अगर पशुओं को इलाज के अभाव में सड़क पर तड़पता हुआ देखा जा रहा था। पशुओं का त्वरित इलाज हो सके। इसके लिए सरकार ने मोबाइल वेटनरी यूनिट की एंबुलेंस सेवा शुरू करने की कवायद शुरू की है। यह सेवा केवल गाय और भैंस के लिए नहीं रहेगा। बल्कि कुत्ता, बिल्ली सहित अन्य जानवरों का भी इलाज करेंगे। इस सेवा का नंबर 1962 है। इस नंबर पर कॉल करके 102 और 108 की तरह से कोई भी व्यक्ति या फिर पशु पालक जानकारी देकर सहायता मांग सकता है। उसके नाम, गांव, पता और किस पशु को क्या दिक्कत है। यह जानकारी देनी होगी। इसके बाद वेटनरी सेवा की एंबुलेंस मौके पर पहुंचेगी। इसमें एक कुशल पशु चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट और चालक रहेंगे। इसके साथ ही एंबुलेंस में दवा और इलाज से जुड़ा अन्य सामान रहेगा। जिससे मौके पर पहुंचकर इलाज किया जा सके।
दो एंबुलेंस आई, आज से शुरू होगी सेवा
जिले में फिलहाल अभी दो एंबुलेंस मिली है। जिसे जनपद मुख्यालय पर चलाए जाने की योजना बनी है। इसके संचालन की जिम्मेदारी 108 नंबर सेवा चलाने वाली संस्था के जिम्मेदारी में हैं। पशु चिकित्सा विभाग के सहयोग से यह सेवा संचालित की जाएगी।
सेवा के शुरू होने से छुट्टा पशुओं का हो सकेगा इलाज
मौजूदा समय में छुट्टा पशुओं की हालत बहुत दयनीय है। सड़क पर घुमने वाले पशु अकसर हादसे में घायल हो जाते हैं। कहीं- कहीं पर बीमार हाल में पड़े रहते हैं। लेकिन उनका इलाज नहीं हो पाता है। इस सेवा के शुरू हो जाने से घायल पशुओंं का इलाज हो सकेगा।
जनपद में पाले गए पशुओं की एक रिपोर्ट
एक वर्ष पहले हुए पशु गणना के मुताबिक जिले में 97064 गोवंश, 182952 भैंस, 1040 घोड़ा, बकरी 284526 और 1518 सुअर हैं। जबकि पशु कुत्ता सहित अन्य प्रकार के पशुओं की गणना नहीं है।
बोले संचालक
मोबाइल वेटनरी एंबुलेंस सेवा शुरू होने जा रही है। जनपद को दो गाड़ी मिली हैं, इसके आगे भी गाड़ी मिलेगी। इसमें टीम सूचना के बाद मौके पर जाकर पशुओं का इलाज करेगी। संचालक की जिम्मेदारी हमारी ही है।
-अजय कुमार, मैनेजर 108,102 नंबर एंबुलेंस सेवा