सिद्धार्थनगर। शहर के भीमापार में ओवरब्रिज का निर्माण होने के बाद रेलवे क्रॉसिंग बंद होने से सांसत झेल रहे लोगों को अभी राहत मिलती नहीं दिख रही है। क्रांसिग खोलने अथवा वैकल्पिक व्यवस्था के लिए आंदोलन होने और सांसद जगदंबिका पाल के लोकसभा में मुद्दा उठाने के बावजूद समस्या का निदान नहीं हो सका है। मामले में रेलवे ने एक वर्ष पहले अंडरपास बनाने को पीडब्लूडी को पत्र भेजा, लेकिन उसके बाद प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी है।
ककरहवा से बस्ती एनएच निर्माण के दौरान तीन वर्ष पहले शहर के भीमापार के पास ओवरब्रिज का निर्माण हो जाने के बाद रेलवे क्रासिंग बंद कर दिया गया। इससे रेल लाइन की दोनों तरफ की आबादी को आवागमन में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। रेल लाइन के उत्तर तरफ से लोगों को कलेक्ट्रेट, विकास भवन आदि सरकारी कार्यालयों तक आने के लिए पेट्रोल पंप तिराहा से ओवरब्रिज पर चढ़कर आना पड़ रहा है।
इसी तरह रेल लाइन के दक्षिण से लोगों को ओवरब्रिज होकर ही दूसरे तरफ जाना मजबूरी हो गया है। इससे दोनों तरफ के लोगों को आवागमन में असुविधा होती ही थी, सर्वाधिक सांसत स्कूली बच्चों को होती थी। रेलवे से इसके निदान के लिए स्थानीय निवासियों के साथ ही अधिवक्ताओं ने भी आंदोलन किया था, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
निगरानी समिति की बैठक में उठा मुद्दा
निगरानी समिति की 11 नवंबर को हुई बैठक में सांसद जगदंबिका पाल के पूछने पर प्रशासन की तरफ से बताया गया कि अपर मंडल रेल प्रबंधक लखनऊ की तरफ से 14 अक्टूबर 2022 को भेजे पत्र में इस संबंध में जानकारी दी गई है। उन्होंने बताया है कि भीमापार रेलवे क्रासिंग पर अंडरपास बनाने के लिए प्रमुख मुख्य इंजीनियर लखनऊ नार्थ के कार्यालय से पीडब्लूडी को 10 दिसंबर 2021 को पत्र भेजा गया है। इस मामले में प्रगति की जानकारी नहीं मिलने पर सांसद ने नाराजगी जताई।
हादसे में छात्र की हो चुकी है मौत
भीमापार रेलवे क्रासिंग के पास एक वर्ष पूर्व रेल लाइन पार करने के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से शहर के इंटर कॉलेज के कक्षा 11 के एक छात्र की मौत हो गई थी। मृतक के परिजन एवं स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर रेलवे क्रासिंग खुला होता अथवा अंडरपास बना होता तो यह हादसा नहीं होता।
रेलवे की तरफ से भीमापार क्रॉसिंग के पास अंडरपास बनाने के लिए पीडब्लूडी विभाग को पत्र भेजा गया है, इसके प्रगति के संबंध में पीडब्लूडी ही जानकारी दे सकता है।
– महेश गुप्ता, सीपीआरओ, रेलवे गोरखपुर
रेलवे की ओर से मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी विभाग को पत्र भेजा गया है। वहां से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। निर्देश मिलने के बाद स्थानीय स्तर पर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
– बीके गुप्ता, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी