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Siddharthnagar News: शहर में खुशनुमा हुआ मौसम, गांव में आफत की बारिश

बारिश के साथ ओले गिरने से फसल हुई बर्बाद

आज भी कहीं कहीं हो सकती है हल्की बारिश
संवाद न्यूज एजेंसी
सिद्धार्थनगर। जिले में शुक्रवार को मौसम का मिजाज बदल गया। शहर के लोगों ने जहां खुशनुमा मौसम का अहसास किया, वहीं गांवों में आफत की बूंद से किसानों की सांस अकट गई। बर्डपुर क्षेत्र में बारिश के साथ ओले गिरे, जबकि डुमरियागंज एवं इटवा क्षेत्र में हल्की बारिश हुई। तेज हवा के कारण फसल गिर गई, इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे खिंच गई। ऐसे मौसम में किसान फसलों की सुरक्षा में हैरान दिखें, लेकिन प्राकृतिक आपदा के आगे किसी का वश नहीं चला।

बादल और बूंदाबांदी में हुई आनंद की अनुभूति

दो दिन पहले तक 36 डिग्री सेल्सियस तापमान में गर्मी के मौसम का अहसास हो रहा था, लेकिन बादल बारिश- बारिश हुई तो मौसम खुशनुमा हो गया। शहरी क्षेत्र में शनिवार को बादल छाए और बूंदाबांदी शुरू हुई तो लोगों ने खुशनुमा मौसम का लुत्फ उठाया। जो लोगों का खेती किसानी से सरोकार नहीं है, उन्हें बादलों से घिरे आसमान और पूर्वा हवा में आनंंद की अनुभूति हुई। शहर के मेडिकल कॉलेज रोड, साड़ी तिराहा हो या रेलवे स्टेशन रोड लोग रिमझिम बारिश इस कदर जाते दिखें, जैसे उन्हें मौसम का बदला मिजाज भा रहा हो।मौसम बदला तो आठ डिग्री गिरावट के साथ अधिकतम तापमान 27.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि 2.5 डिग्री सेल्सियस ऊपर चढ़कर न्यूनतम तापमान 17.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। मौसम में गर्मी और उमस कम हो गई और पूर्वा हवा चली।

ऐसा है पूर्वानुमान
राज्य मौसम केंद्र के प्रभारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण बादल बारिश का मौसम बना है। नेपाल की तराई में शनिवार को भी कहीं बारिश का पूर्वानुमान है। फसल सुरक्षा के साथ बिजली गिरने से होने वाले हादसे बचने की कोशिश करें।

फसल हुई धराशायी तो डबडबा गईं आंखें
बारिश और ओले से फसल धराशायी हुई तो खेत में पहुंचे किसानों की आंखें डबडबा गईं। बर्डपुर के गोसाइगंज के वीरेंद्र यादव खेत पहुंचे तो गिरी हुई फसल की बालियों को हथेली पर लेकर देखने लगे। बालियां और बालियों के अंदर से टूटकर बाहर हुए दाने को देखा तो उनकी आंखे डबडबा गई। उन्होंने इस नुकसान की भरपाई तो सरकारी मुआवजा से नहीं हो पाएगा
कृषि विज्ञान केंद्र सोहना में शनिवार को 2.5 मिमी बारिश दर्ज किया गया। 40 से 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चली पूर्वा हवा से खेतों में पककर खड़ी गेंहू की फसल जमीन पर गिर गई तो ओले से बालियां टूटकर गिर गई। रिमझिम फुहारों के बीच कहीं खेतों में कंबाइन मशीन चलाकर लोग अनाज बचाने की कोशिश में थे, कहीं कटी हुई दलहन, तिलहन फसलों को ढंकते हुए किसान नजर आए।

गेंहू दाने पड़ जाएंगे काले
कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के वैज्ञानिक डॉ. मार्केंडेय सिंह ने बताया कि ओले पड़ने से गेंहू की बालियां, चना,मटर फलियां टूटकर गिर जाती हैं। फसल गिरने से कटाई का खर्च बढ़ जाएगा और किसान के घर में अनाज कम पहुंचेगा। जहां गेंहू की फसल भींग गई हैं, वह गेंहू बीज के रूप में उपयोगी नहीं होगा। भींगने से गेंहू के दाने काले पड़ जाएंगे और चमक भी कम हो जाएगा। इससे बाजार में कीमत कम मिलेगी। बारिश के साथ ओले पड़ने से गेंहू की फसल में 50 प्रतिशत और भींगने गिरने से 20 प्रतिशत नुकसान की आशंका है।

अब तक नहीं आई सर्वे रिपोर्ट
जिले में एक सप्ताह पहले हुई बारिश से फसलों के हुए नुकसान की रिपोर्ट अब तक तैयार नहीं हुई,जबकि 33 प्रतिशत नुकसान की रिपोर्ट होगी तो फसल बीमा कराने वाले किसानों को मुआवजा मिलेगा। पिछले नुकसान का सर्वे पूरा होने से पहले ही कई क्षेत्रों में फसलों का नुकसान हो गया। जिला कृषि अधिकारी सीपी सिंह ने बताया कि फसलों के नुकसान का सर्वें हो रहा है, चार दिन में रिपोर्ट तैयार हो जाएगी।

बिजली गिरने से रहे सतर्क
-बारिश के दौरान तबिजली के खंभे, एकांकी पेड़ों एवं असुरक्षित निर्माण से दूर रहें
-बारिश में किसी धातु को पकड़कर खड़े न रहें, खेत में पेड़ के नीचे या ट्यूबलेब के पास न रहें
-बारिश में पानी में न रहें, घर का बाहर बिजली का उपकरण स्वीच बंद कर दें
-कार में बैठे में हैं तो शीशा चढ़ा, ट्रैक्टर, ट्राली, कंबाइन मशीन से दूर हो जाए
-कटी हुई फसल को सुरक्षित स्थान पर रखें, उसे भींगने व उड़ने से बचाने की कोशिश करें

25 से 30 प्रतिशत हुआ नुकसान
राजकीय कृषि परिक्षेत्र रिसालतपुर के प्रभारी एसके गौरी के अनुमान के अनुसार बारिश और ओले के कारण क्षेत्र में गेंहू की फसल में 25 से 30 प्रतिशत उत्पादन व गुणवत्ता प्रभावित होगी। पिकौरा, कैथवलिया, युसुफपुर, मोहाने,बनगाई, कटया व पोखरभिटवा सहित कई गांवों के किसानों की फसल बर्बाद हुई है।
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