Last updated on November 13, 2022
सिद्धार्थनगर में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए पुलिस की ओर से मंगलवार को यातायात जागरुकता माह का आगाज किया गया। पुलिस लाइंस से जागरुकता रैली निकाली गई। लेकिन, ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले जागरुकता अभियान पर भारी दिखे। जिनके कंधों पर यातायात नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी है, वहीं पुलिसकर्मी अभियान को भूलकर बिना हेलमेट और ट्रिपल राइडिंग (तीन सवारी) करते देखे गए। चालान काटकर कोटा पूरा करने वाली पुलिस जागरुकता के मामले में विफल नजर आई। तीन स्थानों की पड़ताल में 50 प्रतिशत से अधिक वाहन चालक बिना हेलमेट और ट्रिपल राइडिंग करते देखे गए।
सड़क हादसों को रोकने के लिए आए दिन नियम में बदलाव किया जा रहा है। कानून को सख्त बनाया जा रहा है। जुर्माने की राशि कई गुना बढ़ा दी गई। बावजूद इसके सड़क हादसे कम होने के बजाय हर साल बढ़ रहे हैं। लोगों में जागरुकता का कोई असर नहीं दिखा रहा है।
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एसपी अमित कुमार आनंद की ओर से हरी झंडी दिखाकर अभियान की शुरुआत की गई। लेकिन, जहां से अभियान की शुरुआत हुई, वहीं जागरुकता अभियान बेअसर नजर आया। पड़ताल में पाया गया कि बिना हेलमेट और पुलिस के सामने ही ट्रिपल राइडिंग करते दिखे। उसमें पुलिसकर्मी भी थे। वे खुद बिना हेलमेट के वाहन चलाते देखे गए। पड़ताल में पाया गया कि 50 प्रतिशत से अधिक वाहन चालक बिना हेलमेट और ट्रिपल राइडिंग करते मिले, लेकिन नियम का पालन कराने वाले बेखबर रहे। एसपी अमित कुमार आनंद ने बताया कि यातायात नियमों को तोड़ने वाले पुलिस कर्मियों का भी चालान किया जाएगा। यातायात माह में लोगों को जागरूक किया जाएगा ताकि लोग अपनी सुरक्षा के प्रति सतर्क रहें।
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पुलिस लाइन गेट
पुलिस लाइन गेट पर सुबह 11 से 11:15 बजे 97 बाइक सवार गुजरे। इनमें 47 बिना हेलमेट के थे, जबकि 22 बिना हेलमेट ट्रिपल राइडिंग करते मिले। सात पुलिसकर्मी भी बिना हेलमेट वाहन चलाते हुए देखे गए, जबकि 28 लोग हेलमेट लगाकर यात्रा करते हुए दिखे।
हाईडिल तिराह
नगर के हाईडिल तिराहा व्यस्ततम स्थानों में शामिल है। सुबह 11:20 से 11:35 बजे तक 107 बाइक सवार गुजरे। इनमें 63 बिना हेलमेट के चलते हुए मिले। 28 बिना हेलमेट और तीन सवारी चलते हुए दिखे। जबकि 26 लोग हेलमेट लगाकर यात्रा करते देखे गए। कमोबेश यही हाल अन्य स्थानों कर भी रहा।
चालान की राशि हर दिन 40 हजार पार
पुलिस के रिकॉर्ड पर गौर करें, तो चालान की प्रक्रिया यहां तेज है। प्रतिदिन 40 हजार रुपये से अधिक का चालान काटा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि जिस तन्मयता से पुलिस चालान काटती है, उतने मनोयोग से लोगों को जागरूक किया जाए, तो सड़क हादसे कम हो सकते हैं।